रोज डायरी लिखना एक बोहोत अच्छी आदत मानी जाती है. पर आप कहेंगी कि हम तो कोई लेखक नहीं, फिर रोज रोज डायरी में लिखना क्या है?
आप को बता दे की, डायरी लिखने के लिए आप का लेखक होना जरूरी नहीं. क्यू की डायरी हमें अपने लिए लिखनी है. जो भी विचार हमारे मन में आ रहे है, बस उन्ही विचारों को डायरी में लिखना है. है न कितना आसान?
शायद एकदम से पहेली बार आप को डायरी लिखना अटपटा सा लगे. पर निराश न हो. एक दो दिन अगर आप ने डायरी लिख ली तो धीरे धीरे कैसे और क्या क्या लिखना है, ये ख़यालात अपने आप आपके मन में आते जायेंगे. और साथ ही आप को डायरी लिखने के फायदे भी पता चल जायेंगे.
क्या आप चौक गए? इतनी छोटी सी चीज, डायरी लिखना, भला उसके क्या फायदे हो सकते है?
सुनने में ‘रोज डायरी लिखना’ (writing diary daily) जितनी छोटी चीज लगती है, वो उतनी छोटी है नहीं. इस के इतने बड़े बड़े और अच्छे फायदे है की आप को यकीन नहीं होगा.
आइए देखे, आखिर डायरी लिखने से क्या क्या होता है?
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रोज डायरी लिखने के फायदे Benefits of Writing Diary Daily
नींद अच्छी आती है
डायरी लिखने का और नींद का भी कोई संबंध है? जी हाँ, बोहोत ही महत्वपूर्ण संबंध है. नींद न आने का बोहोत बड़ा कारण होता है की, सोने के वक़्त भी हमारा दिमाग शांत बैठने को तैयार ही नहीं होता. बस कुछ न कुछ सोचता रहता है. बस फिर क्या, इस सोच सोच में जो नींद आंखों में होती है, वो कही दूर भाग जाती है.
पर इस का एक असरदार तोड़ है की, रोज डायरी लिखे. इस से दिमाग में आ रहे सारे विचार हम डायरी में लिख देते है. और दिमाग को एकदम हल्का हल्का सा लगता है. जैसे कोई बोहोत बड़ा बोझ कम हो गया हो. और फिर एकदम अच्छी और शांत नींद आती है.
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अकेलापन दूर होता है
आज कल जिंदगी इतनी तेज हो गयी है की, लोगों के साथ रहते हुवे भी हम अकेला महसूस करते है. इस लिए अगर हम रोजाना डायरी लिखने की आदत लगाते है, तो इस से ऐसा सुकून मिलता है जैसे हम किसी अपने से बात कर रहे हो. जो बिना कुछ तकरार किये हमारे सारे विचार सुन रहा हो, हमें सपोर्ट कर रहा हो.
जी हाँ, रोज डायरी लिखना आप को ये सुकून दे सकता है. सेल्फ केयर के लिए रोज डायरी लिखना बोहोत अच्छी बात है.
स्मरण शक्ति तेज होती है
जब रोज के ख़यालात हम रोजाना डायरी में लिखते है, तो जैसे मानो उनकी रिवीजन सी हो जाती है. हमें कौनसा खयाल कब आया, क्यू आया, उस वक़्त क्या हुवा था, हमने क्या महसूस किया था, ये सब सोचने में दिमाग को काफी सोचना पड़ता है. इस से दिमाग की अच्छी खासी exercise भी हो जाती है, उसे ज्यादा oxygen मिलता है. और बदले में वो हमें तेज स्मरण शक्ति का गिफ्ट देता है.
खुद को सुधारने का मौका देती है डायरी
जब हम रोज डायरी लिखते है, तो हम कभी कभी उस को पढ़ भी लेते है. ऐसे वक़्त हमें हमारे कई विचार और फैसले अलग हो सकते थे , इस का आभास होता है. हमें पता चल जाता है की, डायरी में जो पल लिखा है, वह अगर ‘ये’ सोचने के , करने के बजाय अगर मैं ‘वो’ सोचती या करती तो और बेहतर होता.
ऐसे ही हमारी पर्सनालिटी की कई चीजों पर जिस पर हम रोज ध्यान नहीं दे पाते, डायरी में रोज लिखे हुवे हमारे विचार हमें ये मौका देते है. हम खुद की आदतें और सोच बदल सकते है, सुधार सकते है.
यादों को ताजा करती है डायरी
रोजाना डायरी में लिखी हुवी बातें कुछ समय बाद यादें बन जाती हैं. तब हमें उन्हें पढ़कर अच्छा लगता है. फिर से वो यादें ताजा हो जाती है. खूशीवाली यादों को हम फिर से जी लेते है.
अगर कोई याद ऐसी है जिस से आप को दुख पोहोचा है, फिर भी उस पल को डायरी में लिखना चाहिए. दुख देने वाली बातें बस दिल में रखे, तो दुख कभी कम नहीं होता. पर अगर उसे लिख दे, बाद में २-३ बार पढ़े, या न भी पढ़े तो भी उन बुरी यादों की तीव्रता कम हो जाती है.
आप ने ‘जब वी मेट’ मूवी में तो देखा ही होगा, कागज पर लिख दो और वो कागज जला दो, दिल हल्का हो जाता है. डायरी भी हमें सेम इफ़ेक्ट देती है.
तो देखा आपने, रोज डायरी लिखने के कितने फायदे है. तो आज से आप भी रोज डायरी लिखना शुरू करे और इन फायदों का लाभ ले.
रोज डायरी लिखने के ये फायदे (Benefits of Writing Diary Daily) अगर आप को पसंद आये हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करे.
FAQ
रोज सोने से पहले 10 मिनिट डायरी लिखे. रोज की घटनाये, उस वक़्त के आप के ख़यालात ये सब शुरुवात में लिखना शुरू करे. अगर आप को ज्यादा लिखने का आलस आ रहा है तो पॉइंट्स में लिखे.
डायरी में हम रोज की घटनाएं, हमारे विचार, हमारे उद्दिष्ट आदि लिख सकते है. किसी घटना के बारे में अपनी निजी राय को भी डायरी में लिख सकते है
रोजाना खुश और उत्साही रहने के लिए डायरी लिखे. रोज डायरी लिखने से स्ट्रेस कम होता है और हमें motivation भी मिलता है.