क्या दिलों दिमाग की इस सफाई के बारे में आपने सुना है? Mind Detox Techniques

घर की सफाई तो हम करते ही है. पर क्या कभी दिमाग की सफाई के बारे में सुना है? जिसे माइंड डिटॉक्स ( mind detox )  भी कहा जाता है. 


माइंड डिटॉक्स ( mind detox )  मतलब क्या? 

जैसे हमारा घर है, अगर उस  की साफ सफाई पर हम ६ महीने या एक साल बिलकुल ध्यान नहीं देते तो क्या होगा? घर बोहोत गंदा हो जायेगा, धूल जम जाएगी, कोई चीजे शायद ख़राब भी हो जाये और शायद घर को नुकसान करनेवाले कुछ घटक जैसे चूहे, कॉकरोच भी घर में आकर सब ख़राब करे. यह सोचना भी डरावना लगता है न?

घर की अगर सफाई न करे तो घर की ऐसी हालत होगी. तो सोचिये जो दिमाग / माइंड हमारे लिए २४*७ काम करता है, उस में सेकंड सेकंड में कितनी चीजें हम सोचते है, कितनी नयी जानकारी भरे जाते है, कितनी पुरानी यादें ढूंढते है  तो उस दिमाग की सफाई क्या जरूरी नहीं?  ताकि वो अच्छे से काम कर सके और हेल्थी रहे. 

mind detox techniques in hindi
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माइंड डिटॉक्स (mind detox)  करना जरूरी क्यों है?


जैसा हम जानते की हमारा दिमाग जिसे हम आमतौर पर माइंड भी कहते है वो कितना काम करता है. पर सोचे की वो एक बोरी की तरह अगर है और उस में हम कुछ न कुछ चीजें भरते रहेंगे तो आखिर में बोरी की कैपेसिटी से जब वो सामान ज्यादा हो जाएगा तो क्या वह बोरी ठीक हालत में रह पायेगी? नहीं न?

ऐसे ही हमारे माइंड के साथ होता है जब हम रोज बिना जाने बिना मतलब की बातों से अपसेट होते है या कभी गुस्सा होते है या बेमतलब सोचते रहते है. जब माइंड डेटॉक्स टाइम पर नहीं किया जाये तो इस का असर शारीरिक क्रियाओं पर भी दिखाई देता है और साथ ही कुछ और लक्षण भी दीखते है जैसे,

 * सरदर्द 

* acidity 

* स्ट्रेस 

* थकान 

* उदासी 

* confusion 

और साथ decision लेने की क्षमता पर असर हो सकता है. इस लिए माइंड डीटॉक्स जरुरी होता है. 

माइंड डिटॉक्स ( mind detox )  कैसे करे? 

डीटॉक्स का मतलब अनचाही चीजों को दूर कर, उस वस्तु की शक्ति बढ़ाना.

अब माइंड एक ऐसी चीज है जिसे हमने कभी देखा नहीं पर फिर भी उसे डिटॉक्स करना है, तो उसे कैसे करे? 


चिंता न करें ये बिलकुल भी मुश्किल नहीं है. हमारी रोज की ही कुछ चीजे है जो हमें करनी है और उस का पूरा फायदा हमारे दिमाग/माइंड को होगा. 

यह जानकारी आप https://nayeenaree.com पर पढ़ रहे है  

आइये देखे ऐसे कौन से काम हैं जो माइंड डिटॉक्स ( mind detox ) के लिए करने चाहिए? 

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Mind Detox techniques


ना कहना सीखे 

जो काम हम नहीं कर सकते या जो नहीं करना चाहते उस के लिए भी हम कभी कभी हामी भर देते है. या फिर ये सोच के हाँ कहते है की , सामने वाले को बुरा तो नहीं लगेगा! लेकिन ऐसा सोचना आप को छोड़ना होगा, और ग्रेसफुली ” ना ” कहना सीखना होगा. अगर वो काम आप से नहीं होने वाला, तो बाद में टालमटोल करने से अच्छा पहले ही आप ” ना ” कह दे. इस से आप भी चैन से रह पाएंगी और स्ट्रेस से दूर रह पाएंगी. 


दिन में कम से कम एक घंटा मोबाइल से दुरी रखे 

मोबाइल हमारे जीवन का एक ऐसा अंग बन गया है की अगर मोबाइल कुछ देर चार्जिंग पर भी लगाया जाये तो, तो कुछ लोगों को बेचैनी सी हो जाती है. यह आदत कम करने के लिए दिन में एक घंटा मोबाइल खुद से दूर रखे. जब हम मोबाइल यूज़ करते है तो, हम अनजाने में अपना बोहोत सा समय फालतू चीजों पर खर्च करते है. कभी वीडियोस देखते है, कभी सोशल मीडिया पर सर्फ करते है लेकिन बैक ऑफ़ माइंड हम यह सब consume कर रहे होते है. और हम कभी खुद को compare भी करते है.

हम ये मान लेते है की सोशल मीडिया पर स्माइल के साथ दिखने वाले सब लोग खुश ही होता है. और कही न कही हम हमारी लाइफ की मुश्किलों को वहाँ compare करते है और उदास होते है. पर यह करना हम रोकना होगा. हर बार इंटरनेट पर जैसे दीखता है वैसे होता नहीं है.

इस लिए सोच समझ के इंटरनेट और मोबाइल पर समय बिताये  

ऐसे लोगों के साथ समय बिताने की कोशिश करे, जो आप को प्रोत्साहित कर सके.

जो लोग प्रोत्साहित करें उनके साथ समय बिताये हर रोज हमारे आस पास बोहोत ऐसे लोग हो सकते है, जिन्हे हर काम में मुश्किल दिखती हो. हम अगर कुछ करे तो उसकी कदर करने वाले कोई न हो. ऐसे वक़्त अपना दिल छोटा न करे.

अगर हमारे आस पास ऐसा कोई नहीं है, तो हम इंटरनेट पर कुछ अच्छे इंस्पिरेशनल टॉक्स सुन सकते है या कुछ अच्छी किताबे पढ़ सकते है. इस से हमें नेगेटिव थिंकिंग से राहत मिलेगी. 


रोज वॉकिंग की आदत डालें 

रिसर्च में ऐसा पाया गया है, की अगर आप रोज 90 मिनिट का वॉक करते है जब आप का ध्यान मोबाइल या बातचीत पर न हो. ध्यान सिर्फ वॉकिंग पर हो तो न सिर्फ शरीर को इस का फायदा होता है पर माइंड रिलैक्स होता है और डिप्रेशन का खतरा कम होता है.

अगर आप के घर के पास कोई अच्छा जॉगिंग ट्रैक है, तो वह रोज वॉक करना अच्छा रहेगा. अगर आप घर के बाहर नहीं जा सकते तो घर में भी वॉक कर सकते है. फायदे कम नहीं होंगे. 


किसी हॉबी पे ध्यान दे 

हॉबी के लिए कोई उम्र नहीं होती. यदि अभी तक आप को कोई हॉबी नहीं है, तो यही सही वक़्त है अपनी हॉबी सिलेक्ट करने का. हॉबी मतलब हमारा पसंदीदा काम चाहे डांस , पेंटिंग, रीडिंग या और कुछ , यह हम करते है तो दिमाग में ख़ुशी का अहसास कराने वाले हॉर्मोन्स पैदा होते है. स्ट्रेस कम होता है और साथ ही कई नयी चीजे हम सीखते है. इस लिए अपनी एक हॉबी जरूर रखे. 

Limit use of phone


फोन को रात 9 बजे के बाद बाजु में रख दे

 हम फ़ोन पर हर रोज इतना समय बिताते है की, हमें पता नहीं चलता हम हमारे दिमाग में क्या क्या भरते है. यहाँ तक की सोने से पहले और सुबह उठने की बाद सबसे पहले हम फोन को देखते है. पर यह आदत माइंड के लिए अच्छी  नहीं. इस लिए फोन यूज़ करने का एक समय रखे. और रात को 9 के बाद फ़ोन यूज़ न करे. वो सिर्फ इमरजेंसी कॉल्स के लिए रखे. पर इंटरनेट पर बेवजह सर्फ न करे. इस से आप की नींद की क्वालिटी अच्छी होगी और सुबह दिमाग और मन तरोताजा महसूस करेंगे. 


अपने इमोशन्स को स्वीकारे 

कई बार हमें उदास लगता है पर हम यह मानने से इनकार करते रहते है. या कई बार गुस्सा आता है, उसे भी दबा देते  है. ऐसा लगातार करने से दिमाग पर जोर पड़ता है. और धीरे धीरे माइंड पर काम का प्रेशर बढ़ता जाता है. इस लिए आप को जो लग रहा है चाहे वो गुस्सा हो, ख़ुशी हो, गम हो या जेलसी हो, उसे खुद से ऐक्सेप्ट करे , स्वीकारे. उस वक़्त जो भी ख्याल आ रहे हो, उन्हें दिल पर मत ले.

ज्यादा इमोशनल होने पर कोई निर्णय न ले. अपने विचारों को ध्यान से  निहारे. उस वक़्त उस पर अमल न करते कुछ देर रुके. कुछ ही देर में आपको सही और कम सही विचारों का अनुभव होगा. फिर आप उन में सही विचार जो आप को हानि न पोहोचाये, ऐसे विचार ध्यान में रखे और बाकि सब भूल जाये. 

अगर आप रोना भी चाहते है तो रोये और दिल हल्का कर दे. इस से आप के माइंड को राहत ही मिलेगी. 

Fresh Fruits

माइंड के अच्छे काम के लिए सही आहार ले 

हमारा आहार हमारे शारीरिक ही नहीं मानसिक क्षमताओं पर भी असर रखता है. इसलिए अपने आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फल, मेवे आदि का सेवन जरूर करे. साथ ही ताजा खाना खाने का प्रयास करें और जब भूक न हो तो जबरन खाना न खाये. हर रोज बोहोत हेवी और मसालेदार खाना खाना भी अच्छा नहीं होगा. 


खुद की दुसरो से तुलना करना बंद करे

 बोहोत बार न चाहते हुवे भी हम अपनी तुलना बाकि लोगों से करने लगते है. पर ऐसा करना ठीक नहीं. हर इंसान अलग तो है पर साथ ही हर इंसान अपने आप में स्पेशल है. इस लिए किसी और के पास क्या है, और आप के पास वो नहीं यह तुलना करने से अच्छा, अपनी खूबियों को देखे और उन्हें सराहे. दूसरों से तुलना करने से हमारे लाइफ में कोई बदलाव नहीं होता बस हमें दुख ही मिलता है. 

यदि आप जीवन के मुश्किल दौर से गुजर रहे है तो भी सकारात्मक नजरिया रखे. कोई वक़्त हमेशा नहीं रहता तो मुश्किलभरा वक़्त भी नहीं रहेगा. पॉजिटिव बातों पर ध्यान दे. और खुद का खयाल रखे. 

आशा करते है, दिवाली में यह सफाई मतलब माइंड डिटॉक्स ( mind  detox ) पर भी आप ध्यान देंगे. यह कोई एक बार का काम नहीं , ये तो लाइफस्टाइल है जो हमारे जीवन को खुशहाल बनाती है. 
अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ यह जानकारी जरूर शेयर करे. अगर आप के कुछ सवाल है तो हमें कमेंट में पूछ सकते है. आप को उचित जानकारी देने में हमें ख़ुशी होगी. 

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