त्यौहार हो और मिठाई न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. पर आप ये मिठाई बाहर से खरीद ला रहे है तो सावधान! जैसा दीखता है वैसा होता नहीं. क्या वाकई वो मिठाई असली, बिना किसी मिलावट के है?असली और मिलावटवाली मिठाई (milavati mithai) का फर्क कैसे पहचाने? इस लिए आप के लिए खास ये टिप्स. जो हर त्यौहार न सिर्फ खुशहाल बल्कि सुरक्षित भी बनाएंगे.
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बने स्मार्ट खरीदार, पहचाने असली और नकली मिठाई
खोवा/मावा की मिलावट कैसे पहचाने
यदि हम ऊपर ऊपर से देखे तो असली और मिलावटी मावे में फरक पता ही नहीं चलता. और हम आसानी से मिलावटी खोवा या उस से बनी मिठाई खरीद सकते है. इस से हमें और हमारे परिवार को नुकसान हो सकता है,तबियत बिगड़ सकती है. और पुरे त्यौहार का मजा जा सकता है.
* खोवा की मिलावट परखने के लिए थोड़े से खोवे को चीनी डालकर कढ़ाई में गर्म करे. यदि उस से पानी निकल आता है तो सावधान, वो मिलावटी मावा है.
* मावा बनाते समय दूध को काफी देर तक उबाला जाता है, इस लिए गाढ़ी मलाई से उस में देसी घी जैसी खुशबु आती है. यदि थोड़ा खोवा/मावा आप हाथ से मलकर देखे और उस में देसी घी जैसी खुशबु और चिकनाई न हो तो समझ ले की वो खोवा मिलावटी है. मिलावटी खोया/ मावा हाथ पर रगड़ने से कई बार अजीब सी दुर्गंध भी आ सकती है. तुरंत वो खोवा फेंक दे.
* अगर खाते समय मावा मुँह में चिपकता है, तो ये मिलावट के लक्षण है. क्यू की असली खोवा चिपकता नहीं.
* मावे को पानी में डाल के देखे. असली मावा पतला होकर धीरे धीरे पानी में घुल जाता है. पर मिलावटी मावे के साथ ऐसा नहीं होता, वो बस टुटके उस के छोटे छोटे टुकड़े से बन जाते है.
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क्या मिठाई का सिल्वर डेकोरेशन असली है? कैसे पहचाने ?
आज कल मिठाई को आकर्षक बनाने के लिए सिल्वर डेकोरेशन किया जाता है. काजू कतली या खोये की मिठाई पर तो ये अक्सर होता ही है. पहले ये डेकोरेशन करने के लिए सिल्वर वर्ख का इस्तेमाल किया जाता था. इस सिल्वर वर्ख को थोड़ी मात्रा में खाया जाये तो सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता.
पर आज कल हर चीज महंगी हो गयी है, साथ ही हर किसी को और कुछ करने से पहले पैसे कमाने है इस लिए इस सिल्वर वर्ख में भी मिलावट की जाती है. सुन के भी आश्चर्य होता है न , की ये कैसे संभव है? पैसों के लिए ये सब किया जाता है.
सिल्वर वर्ख की जगह कई जगह अल्युमिनियम फॉइल का इस्तेमाल किया जाता है. अब इस की पहचान कैसे करे?
* ऐसी मिलावटी फॉइल के पार्ट को उंगलियों में रखने से, उस के कुछ अंश उंगली को चिपक जाते है. और वो अपना आकार नहीं बदलते. जब की सिल्वर वर्ख बोहोत नाजुक होता है, वो आसानी से टूट जाता है और मुड़ जाता है.
* अगर इस सिल्वर डेकोरेशन को गर्म करे और वो रंग बदल कर ग्रे कलर का हो जाये तो सावधान! ये मिलावटी है , अल्युमिनियम फॉइल है. असली सिल्वर वर्ख गरम करने पर उस के छोटे छोटे दाने से बन जाते है पर उस का रंग नहीं बदलता.
मिठाई की सही पहचान कैसे करे?
* आज कल मिठाई में डिटर्जेंट की भी मिलावट होती है. उसे देखने के लिए थोड़ी मिठाई पानी में मिलाकर हिलाये. अगर झाग सा दिखाई दे तो मिठाई फेंक दे और तुरंत कंप्लेंट करे.
* कई बार बासी मिठाई को थोड़ी ताजा मिठाई के साथ मिलाकर रख दिया जाता है. ताकि वो भी बिक जाये और कोई नुकसान न हो. ऐसी बासी मिठाई परखने के लिए उस की गंध पर जरूर ध्यान दे. बासी मिठाई का स्वाद भी खट्टा होता है और गंध भी अजीब सी आती है.
तो इन सब बातों का ध्यान रखते हुवे स्मार्ट खरीदार बने. और ऐसे मिलावटी मिठाई से बचे.
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