गणपति को क्यों प्रिय है मोदक, जानिए कहानी | Why Lord Ganesha Loves Modak

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से हर भाद्रपद मास मे गणेश उत्सव मनाया जाता है. पिछले दो सालो से कोरोना की वजह से चाहे हम इसे सिंपल तरीके से मना रहे हो पर इस गणेश चतुर्थी 2021 के लिए हमारा उत्साह जरा भी कम नहीं है. इस बार भी सिंपल ही सही पर गणेश जी का स्वागत हम पुरे भक्ति भाव से करेंगे. 


गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति की घर पे स्थापना की जाती है और उनके पसंदीदा व्यंजन भोग या प्रसाद स्वरुप हर घर मे बनाये जाते है. गणेश जी की पसंदीदा व्यंजन कौनसे है इस का जिक्र करते ही सबसे पहेले और अहम नाम आता है मोदक का. गणपति को मोदक बोहोत प्रिय माने जाते है. गणेश चतुर्थी के दिन घर घर में २१ मोदक का नैवैद्य गणपति को दिखाया जाता है. 
पर क्या आप जानते है की, गणपति को मोदक क्यों प्रिय है? 

एक मान्यता 

गणेश जी को भाते है मोदक 

गणपति को मोदक प्रिय है इस बात के पीछे कुछ कथाएं प्रचलित है, उस मे से एक तब की है जब भगवान शिव, माँ पार्वती और गणेश जी तीनो माता अनुसूया के घर गए थे. उस समय उन तीनों को बोहोत भूख लगी थी. तो उन्होंने अनुसूया माता से खाना बनाने का निवेदन किया. अनुसुया माता ख़ुशी ख़ुशी राजी हो गयी. लेकिन उन्होंने एक छोटी सी शर्त रखी के वे पहेले बाल गणेश जी को परोसेंगी और उनका पेट भरने के बाद ही वो भगवान शंकर और पार्वती जी को परोसेंगी. ये सुनकर उन दोनों ने ख़ुशी से हामी भर दी.

अनुसूया माता भी ख़ुशी ख़ुशी बाल गणेशजी को परोसने लगी. बाल गणेशजी को सभी व्यंजन बोहोत पसंद आये. धीरे धीरे व्यंजन ख़त्म होते गए, लेकिन बाल गणेशजी की भुख अभी तक कम नहीं हुवी थी. यह देख अनुसूया माता को चिंता होने लगी की कही व्यंजन ख़त्म हो गए तो वे भगवान शिव और माँ पार्वती को क्या परोसेंगी? उन्होंने कुछ सोचा और वे एक छोटा सा सफ़ेद दिखनेवाला पदार्थ ले आयी और बाल गणेश को खिलाया. वो खाते ही बाल गणेशजी के मुख पे तृप्तता के भाव आये और उन्होंने एक लम्बी डकार दी. आश्चर्य की बात यह की उसी वक़्त भगवान शिव ने भी २१ डकार दी. ये सब देख के माँ पार्वती ने बोहोत आश्चर्य से माँ अनुसूया से पूछा , की ये व्यंजन आखिर था क्या?  तब माँ अनुसूया ने मंद स्मित करते हुवे जवाब दिया की , यह एक मीठा व्यंजन हैं , जिसे मोदक कहते है. तब से मोदक को गणपति का प्रिय व्यंजन माना जाता है.

मोदक को  कभी चावल के आटे से या कभी गेहु के आटे से भी बनाया जाता है. इस के अंदर गीले या सूखे नारियल का बुरा , गुड़ या चीनी के साथ होता हैं. खाने में स्वादिष्ट ये मोदक गणेशजी के ही नहीं , हम सभी के फेवरेट होते है. 

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दूसरी मान्यता 


गणपति को मोदक क्यों प्रिय है इस बात के पीछे और एक कथा सुनाते है, वो यह की एक बार भगवान शिव आराम कर रहे थे और उनके कक्ष के द्वार पे गणपति जी पेहेरा दे रहे थे. तभी वहा परशुराम ऋषि पोहोचे. जब गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया तो वो बोहोत रुष्ट हो गए और उन्होंने गणेशजी पे प्रहार कर दिया. इस वजह से गणेशजी का एक दात टूट गया. उन्हें बोहोत दर्द हुवा और बाद मे खाने में परेशानी होने लगी. तब उनकी व्यथा देख उनके लिए मुलायम, चबाने में आसान ऐसे व्यंजन बनाने जाने लगे, उस मे से ही पहला था मोदक. गणेशजी को ये बोहोत पसंद आया. और फिर गणेश जी के आगमन पर इस व्यंजन को बनाने की प्रथा हो गयी.

कहते है मोदक खाके गणेशजी बोहोत प्रसन्न होते है और मनचाहा वरदान देते है. 


आशा करते है, यह गणेश उत्सव 2021  हम सभी के लिए एक नयी आशा और अच्छी सेहत लेके आये. गणेश जी का आशीर्वाद हम सभी पर कायम रहे. 

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