पीरियड्स किसी भी महिला के जीवन का आम और नैसर्गिक हिस्सा होता है. पर कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स काफी तकलीफदायक साबित होते है. ये तकलीफ सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक भी हो सकती है. इसे आमतौर पर पीएमएस PMS के नाम से जाना जाता है. PMS का full form Premenstrual Syndrome है.
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Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS क्या होता है?
पीरियड्स शुरू होने के 3 – 4 दिन पहले का समय Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS का माना जाता है. ये सभी महिलाओं में नहीं होता, पर जिन महिलाओं को इस का सामना करना पड़ता है, वो काफी तकलीफ से गुजरती है. उन महिलाओं को मुड स्विंग्स की समस्या होती है, साथ ही कई बार वो depressed उदास निराश भी महसूस करती है.
डॉक्टर्स कहते है की, पीरियड्स के पहले होनेवाले हॉर्मल चेंजेस की वजह से ये लक्षण दिखाई देते है. पर कई बार ये लक्षण इतने बढ़ जाते है की, दवाईयों की जरुरत पड़ सकती है.
Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के लक्षण क्या है?
Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS में अलग अलग महिलाओं में अलग अलग चेंजेस दिख सकते है. पर कॉमन रूप से देखा जाये तो महिलाओं में ये लक्षण दिखाई देते है.
Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के शारीरिक लक्षण
- बोहोत भुख लगना
- पेट फूलना
- सरदर्द
- पिंपल्स
- वजन बढ़ना
- जोड़ों में दर्द
Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के मानसिक बदलाव लक्षण
- हमेशा रोना आना
- छोटी छोटी बातों पे उदास होना
- डिप्रेशन, निराश फील होना
- मूड में एकदम से बदलाव होना
- बोहोत जल्दी गुस्सा आना
- नींद ठीक से न होना
- छोटी छोटी बातों से स्ट्रेस होना
- खुद को कोसते रहना
- निर्णय लेने में कठिनाई होना
कई महिलाओं में ये लक्षण दिखाई देते है. और उन्हें इस से जूझना कठिन हो जाता है.
Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS में होने वाले मानसिक बदलाव से कैसे डील करे?
पीरियड्स के दौरान होने वाले शारीरिक तकलीफों से हम घरेलु नुस्खों या दवाइयों से निजात पा सकते है. पर पीरियड्स के दौरान होनेवाले मानसिक बदलाव (mental changes) के वक़्त हमें क्या करना है, ये भी हमें समझना होगा. ताकि पीरियड्स के दौरान होनेवाले मानसिक बदलाव हमारा रूटीन बिगाड़ ना सके.
हालांकि ये मानसिक बदलाव हार्मोनल बदलाव (hormonal changes) के कारण होते है. पर हमारी कुछ कोशिशों से ये बदलाव कम होंगे, इतने कम की उनका होना हमें या हमारी जिंदगी को डिस्टर्ब न कर सके.
आइये देखे, Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले मानसिक बदलाव की तीव्रता कैसे कम करे?
अपनी रोजाना रुटीन में एक्सरसाइज जरूर रखे
रोज 20 से 30 मिनिट हल्की एक्सरसाइज करने से हमें काफी फ्रेश लगता है. शरीर में भी बोहोत पॉजिटिव बदलाव होते है. एक्सरसाइज हमारे हार्मोनल चेंजेस को नियमित करती है. रोजाना हल्की एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में उत्साह और ख़ुशी पैदा करनेवाले हॉर्मोन्स तैयार होते है. और ये हमारे Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले मानसिक बदलावों को कम करते है.
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अच्छा आहार लेना जरुरी है
हमारा रोज का आहार न सिर्फ हमारे शरीर को ताकद देता है बल्कि हमारे दिमाग को भी एनर्जी देता है. इस लिए हमारा आहार अच्छा होना चाहिए. Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले मानसिक बदलाव की को कम करने के लिए अच्छा आहार जरुरी है. इस लिए ताजा खाना खाये. होटेलिंग जितना हो सके कम करे.
शुगर क्रेविंग्स कंट्रोल में रखें.
शुगर, नमक की मात्रा कंट्रोल में रखे. आप को PMS के समय बोहोत मीठा खाने की इच्छा हो सकती है पर आप अपनी इच्छा पर कंट्रोल करे. अगर कंट्रोल नहीं हो रहा, तो कुछ अच्छे और हेल्थी ऑप्शंस देखे. नहीं तो ज्यादा चॉकलेट, मिठाई खाने से वजन बढ़ सकता है. अच्छे हेल्थी मीठे ऑप्शंस में आप ताजे फलों, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, गुड़, शक्करकंद का इस्तेमाल कर सकती है.
रोज कुछ पॉजिटिव पढ़े या लिखे
अगर आप को रोजाना डायरी लिखने की आदत है, तो आप रोज एक बात पॉजिटिव लिखने की कोशिश करे. जरुरी नहीं की रोज कुछ अच्छा हो. पर जो हो रहा है, उस में अच्छा ढूंढने की कोशिश करे. ऐसा करने से आप को रोजाना ये आदत हो जाएगी. इस से Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले डिप्रेस, निराश भावनाओं से निजात मिलेगी.
अगर आप डायरी नहीं लिखते तो रोज सोने से पहले कुछ अच्छा पढ़े. जो आप को पॉजिटिव थिंकिंग दे सके. इस से नींद भी अच्छी आएगी और आप पे पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले मानसिक बदलाव असर नहीं कर पाएंगे.
जिंदगी को बोहोत सीरियस्ली न ले
जी हाँ, जिंदगी जीने के लिए होती है. पर हम अपने सपनों, जरूरतों के बोझ तले जिंदगी को डूबा देते है. सपने भी देखने चाहिए पर हमें हमारी जिंदगी जीने के लिए भी वक़्त निकालना चाहिए. इस लिए जिंदगी के हर पल का मजा लेने की कोशिश करे. और हर किसी की कही हुवी बातों को दिल पर न ले.
कई बार किसी द्वारा गुस्से में कही बात को हम जिंदगी भर मन से लगाके रखते है. पर इस से कहनेवाले का नहीं, बल्कि हमारा ही नुकसान होता है. इस लिए हर बात को दिल पर न ले. कुछ बातें भूलना, वही छोड़ देना भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी होता है. ऐसा करने से आप को Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले भावनिक उतार चढाव से काफी निजात मिलेगी
खुद से प्यार करना सीखे
हम रोज की जिंदगी में इतने बीजी हो जाते है, की खुद से प्यार करना भूल जाते है. हर एक व्यक्ति अलग होता है और हर व्यक्ति की अपनी एक अच्छाई होती है. अपनी अच्छाई, अपनी काबिलियत पहचाने. उसे सहलाये. अपने गुणों की कदर करे. आप जितने अच्छे से खुद को समझेंगी उतना ही आप के लिए जीवन का कोई भी दौर आसान हो जायेगा.
खुद से प्यार करना मतलब खुद पर गर्व करना और दूसरों को कम समझना. ऐसा बिलकुल नहीं होता. आप ये सोचे की आप भी इंसान है, गलतियां आप से भी हो सकती है. पर वो गलती आपका पूरा वजूद नहीं बन सकती. इस लिए खुद के प्रति अच्छा सोचे. एक बार आप ने ये आदत लगा ली तो Premenstrual Syndrome पीएमएस PMS के दौरान होनेवाले मानसिक बदलावों से निजात पाना काफी आसान होगा.
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